मंगलवार, 30 जनवरी 2018

भोजपुरी बसंत गीत
नीमुआ फरेला रसदार
ऋतु बसंत में, हो सजनी.
कोयली करेली पुकार
ऋतु बसंत में, हो सजनी.

फूलल सरसों, तीसी फुलाइल
चुअल महुआ, आम मोजराइल
कोयली के कूक सुन, जिया हुलसाइल
मन मोरा उड़ेला आकास
ऋतु बसंत में, हो सजनी.

चारों तरफ हरियाली छाइल
ओढ़-ओढ़ के धानी चुनरिया
धरती आपन रूप सजाइल
धरती कइली सिंगार
ऋतु बसंत में, हो सजनी.

दूर कहीं केहू बंसी बजावे
ऋतु बसंत के गीत सुनावे
बंसी के धुन सुन, पिया याद अइले
पिया मोरा गइले बिदेश
ऋतु बसंत में, हो सजनी.

केहू हंसेला, केहू रोवेला
सुख-दुख जीवन संग चलेला
सुखवा के दिनवा में सभी साथ रहले
दुखवा में छोड़ी गइले साथ
ऋतु बसंत में, हो सजनी.

ऋतु बसंत में, हो सजनी
ऋतु बसंत में, हो सजनी.
कोयली करेली पुकार
ऋतु बसंत में, हो सजनी.
- तरु श्रीवास्तव

गुरुवार, 25 जनवरी 2018


मां को नमन


मां भारती तुझको नमन
ऐ हिंद है तुझको नमन।
ज्ञान गंगा से सदा
महका करे तेरा चमन।
मां भारती तुझको नमन
ऐ हिंद है तुझको नमन।

हर बार तेरी गोद मिले
हर बार लूं तुझ पर जनम
हर सांस में तेरी आस हो
तेरी चाह की ही प्यास हो
मेरे हृदय में बसे
तेरे वंदन की गुंजन
मां भारती तुझको नमन
ऐ हिंद है तुझको नमन।

तेरी ख्याति जग में हो
हो हर जगह तेरी मिसाल
सबके मुख पर तेरा नाम
सब करें तुझको प्रणाम
मेरी सरगम से बजे
तेरी कीर्ति का भजन
मां भारती तुझको नमन
ऐ हिंद है तुझको नमन।

देखे जो तुझे आंख उठा
काट डालें सर वो हम
हाथ जो तुझ तक बढ़े
काट डालें कर वो हम
एक जनम का क्या कहें
तुझको समर्पित हर जनम
मां भारती तुझको नमन
ऐ हिंद है तुझको नमन।
- तरु श्रीवास्तव